हसरतों की ख्वाइश
1 year ago
आओ तुमको लेकर चलूँ
जहाँ भूख है, लाचारी है
गरीबी है और उन्हें ख़त्म करने के
झूठ मूठ के वादे हैं
जहाँ बंद किसी कमरे में
कर्जा ना चुका पाने पर
मुर्दा किसानों की
पंखे से लटकी लाशें हैं
जहाँ हर पल ही
पाँव फैलाती
ढेर सारी बीमारी हैं
जहाँ बाढ़ है, सूखा है
और उस पर दिया हुआ
राहत पैकेज है
जहाँ जात-पात और धर्म की
झूठी शिक्षा देने वाले लोग हैं
जहाँ मंदिर बनाने के लिए
चन्दा इकठ्ठा किया जाता है
पर एक अदद स्कूल का
नाम तक जुबान पर नहीं आता
जहाँ क़र्ज़ है
और उस पर भी लगता
साहूकारों का ब्याज है
जहाँ पानी की प्यास है
और उस पर दूर से
आती दिखती
मौत की आस है
आओ तुम्हे लेकर चलूँ ...
तब शायद
ये बात दूर तक जाये
11 comments:
मार्मिक रचना. लिखते रहिये.
न चैन ही मिले यहां,न भूख ही मिटे कभी
यही अगर है जिन्दगी,क्या जिन्दगी कहें इसे
ब्लॉग जगत पर स्वागत है-अगर word verification
लगाया है तो हटा दें
श्याम अगर कविता या गज़ल में रुचि हो तो मेरे ब्लॉग पर आएं
http://gazalkbahane.blogspot.com/ कम से कम दो गज़ल [वज्न सहित] हर सप्ताह
http:/katha-kavita.blogspot.com दो छंद मुक्त कविता हर सप्ताह कभी-कभी लघु-कथा या कथा का छौंक भी मिलेगा
सस्नेह
श्यामसखा‘श्याम’
आपने बहुत अच्छा लिखा है ....प्रशंसा के लिए शब्द नहीं मिल रहे
आखिर ऐसी जगह जा कर भी क्या होगा जहाँ-
खाक और खून के ये लोग बिछौने देंगे।
रोटियाँ छीनकर बच्चों से खिलौने लेंगे।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
सुंदर अति सुंदर लिखते रहिये .......
आपकी अगली पोस्ट का इंतजार रहेगा
htt:\\ paharibaba.blogspost.comm
भाव पूर्ण लिखा है ...........मार्मिक रचना.........गहरी अभिव्यक्ति है
Kya baat hai! Swagat.
उजाले को पी अपने को उर्जावान बना
भटके लोगो को सही रास्ता दीखा
उदास होकर तुझे जिंदगी को नही जीना
खुला गगन सबके लिए है , कभी मायूश न होना
तुम अच्छे हो, खुदा की इस बात को सदा याद रखना....
.......शुभकामनायें.
ब्लॉग जगत में और चिठ्ठी चर्चा में आपका स्वागत है . आज आपके ब्लॉग की चर्चा समयचक्र में ..
sunder abhivyakti bandhu ,aapme aag hai ye manta hoon
meri amit mangalkamnayen aapke liye
aapka hi dr.bhoopendra
यही यथार्थ है !!
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